बिहार चुनाव से पहले तेजस्वी यादव काहे नाराज हो गए? कांग्रेस ने राहुल-खरगे की मीटिंग टाल दी। पढ़ो 2 बड़ी वजह और सियासी माहौल का ताजा हाल।

बिहार में चुनाव का बुखार चढ़ा हुआ है, और ऊपर से सियासी ड्रामा भी फुल ऑन चल रहा है। अभी हाल में खबर आई कि तेजस्वी यादव, जो RJD के बड़े नेता हैं, किसी बात से खफा हो गए। इधर, कांग्रेस ने भी राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खरगे की बड़ी मीटिंग को टाल दिया। भाई, ये सब क्या चल रहा है? आज हम इस ब्लॉग में बताएंगे कि तेजस्वी के गुस्से के पीछे की 2 बड़ी वजह क्या हैं, और बिहार का सियासी खेल अब किस तरफ जा रहा है।
Highlights Of the Blog
- तेजस्वी का गुस्सा बना महागठबंधन के लिए टेंशन।
- कांग्रेस ने राहुल-खरगे की मीटिंग को किया पोस्टपोन।
- सीट बंटवारा और लीडरशिप की लड़ाई है असली वजह।
Tejashwi का गुस्सा Congress का U-Turn: पूरा Scene क्या है?
बिहार की सियासत में अभी हंगामा मचा हुआ है। तेजस्वी यादव, जो महागठबंधन का बड़ा चेहरा हैं, कुछ बातों से नाराज चल रहे हैं। लोग बोल रहे हैं कि गठबंधन में सब ठीक नहीं है। ऊपर से कांग्रेस ने भी अपने प्लान में ट्विस्ट डाल दिया और राहुल-खरगे की मीटिंग को टाल दिया। ये दोनों बातें एक-दूसरे से जुड़ी हैं और बिहार चुनाव से पहले महागठबंधन के लिए बवाल खड़ा कर सकती हैं। अगर और डिटेल में जानना चाहते हो, तो हमारे पिछले ब्लॉग बिहार चुनाव का इतिहास को चेक करो।
2 Badi Wajah Jo Bana Rahi Hain Tension
चलो, अब असली बात पर आते हैं। तेजस्वी के नाराज होने की दो बड़ी वजह हैं:
- सीट बटबारे का झमेला:
महागठबंधन में अभी तक सीटों का बंटवारा फिक्स नहीं हुआ है। RJD चाहता है कि उसे ज्यादा सीटें मिलें, लेकिन कांग्रेस भी पीछे हटने को तैयार नहीं। ये खींचतान दोनों के बीच ठन गई है। सीट शेयरिंग का ये खेल कैसे काम करता है, इसके लिए NDTV की रिपोर्ट पढ़ सकते हो। - कौन बनेगा Leader:
तेजस्वी अपने को बिहार में महागठबंधन का बॉस मानते हैं, लेकिन कांग्रेस चाहती है कि राहुल गांधी और खरगे को आगे लाया जाए। इसी सिलसिले में मीटिंग होने वाली थी, जो अब टल गई। लीडरशिप की ये लड़ाई तेजस्वी को पसंद नहीं आई।
Bihar Chunav में इसका क्या असर होने वाला है?
तेजस्वी का नाराज होना और कांग्रेस का मीटिंग टालना, दोनों ही महागठबंधन के लिए अच्छा नहीं है। अगर ये लोग जल्दी से सुलह नहीं करते, तो गठबंधन में दरार पड़ सकती है। उधर, बीजेपी और जेडीयू मौके की ताक में हैं कि कब इनका फायदा उठाया जाए। बिहार के लोग भी सोच रहे हैं कि क्या तेजस्वी और कांग्रेस मिलकर कुछ कर पाएंगे, या ये ड्रामा इनके लिए मुसीबत बन जाएगा। पिछले चुनावों का हाल जानने के लिए हमारा ये ब्लॉग देखो।
Experts का क्या कहना है?
सियासी एक्सपर्ट्स बोल रहे हैं कि गठबंधन में एकता ही इनकी जीत की चाबी है। अगर सीट और लीडरशिप का फैसला जल्दी नहीं हुआ, तो बिहार में महागठबंधन का सपना टूट सकता है।
इस पोस्ट का निष्कर्ष
बिहार चुनाव से पहले तेजस्वी का गुस्सा और कांग्रेस की टली मीटिंग ने सियासत को गरमा दिया है। सीट बंटवारा और लीडरशिप की लड़ाई इसके पीछे की बड़ी वजह हैं। अब देखना ये है कि क्या ये लोग आपस में सेटलमेंट कर पाएंगे, या बिहार की जनता कुछ नया फैसला लेगी। तुम्हें क्या लगता है? नीचे कमेंट में जरूर बताओ!
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