एक विवाह जिसने बदली तेजस्वी सूर्या की जीवन-यात्रा
15 मई 2024 का दिन बीजेपी के युवा चेहरे और बेंगलुरु सांसद तेजस्वी सूर्या के जीवन का सबसे खास पल बनकर उभरा। इस दिन, उन्होंने कर्नाटक की प्रतिभाशाली शास्त्रीय नृत्यांगना और गायिका शिवस्री स्कंद प्रसाद के साथ सात फेरों का बंधन तय किया। यह विवाह न केवल दो दिलों का मिलन था, बल्कि राजनीति, संस्कृति और परंपरा का एक अनूठा संगम भी साबित हुआ। इस लेख में, हम तेजस्वी सूर्या के व्यक्तित्व, उनके राजनीतिक सफर, और इस ऐतिहासिक शादी के पीछे की कहानी को विस्तार से जानेंगे।

तेजस्वी सूर्या: एक युवा नेता की कहानी
“तेजस्वी सूर्या, जिनकी बातें सुनकर लगता है कि कोई अपना ही बात कर रहा है, 16 नवंबर 1995 को बेंगलुरु के एक आम परिवार में जन्मे। उनके पिताजी, एल. सूर्या नारायण गौड़ा, एक व्यवसायी हैं, और माँ, निरंजना सूर्या, एक गृहणी। बचपन से ही तेजस्वी में कुछ तो खास था, एक ऐसी चमक जो बताती थी कि ये लड़का आगे चलकर कुछ बड़ा करेगा। उनकी पढ़ाई-लिखाई बेंगलुरु के राष्ट्रीय विद्यालय में हुई, और फिर उन्होंने आरवी लॉ कॉलेज से कानून की डिग्री हासिल की।”
शुरुआत से ही समाज सेवा का जुनून
“तेजस्वी ने जब कॉलेज में कदम रखा, तभी से उनका रुझान समाज और राजनीति की तरफ हो गया। वो राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) से जुड़ गए, और यहीं से उनकी सामाजिक-राजनीतिक यात्रा शुरू हुई। उनकी बातों में इतनी ताकत थी कि वो युवाओं को आसानी से अपनी तरफ खींच लेते थे। और इसी खूबी ने उन्हें बीजेपी में एक उभरते हुए सितारे की तरह चमका दिया।”
बेंगलुरु साउथ से संसद तक का सफर
“2019 में जब लोकसभा चुनाव हुए, तो तेजस्वी ने सिर्फ 28 साल की उम्र में बेंगलुरु साउथ सीट से जीतकर इतिहास रच दिया। वो देश के सबसे युवा सांसदों में से एक बन गए। उनकी जीत ने दिखाया कि युवाओं में कितनी ताकत होती है, और ये भी साबित किया कि बीजेपी का ‘नया भारत’ का सपना सच हो रहा है। संसद में उन्होंने टेक्नोलॉजी, युवाओं के लिए नीतियाँ और शहर के विकास जैसे मुद्दों पर खुलकर बात की। COVID-19 के मुश्किल समय में भी उन्होंने बेंगलुरु में ऑक्सीजन और अस्पताल के बेड का इंतजाम करके दिखाया, जिससे लोगों को पता चला कि उनमें कितनी जिम्मेदारी और लोगों से जुड़ने की क्षमता है।”

शिवस्री स्कंद प्रसाद: कला और संस्कृति की धनी
“तेजस्वी की जीवनसाथी, शिवस्री स्कंद प्रसाद, कर्नाटक की जानी-मानी कलाकार हैं। वो भरतनाट्यम और कुचिपुड़ी जैसे शास्त्रीय नृत्य में माहिर हैं, और कर्नाटक संगीत में भी उनका कोई जवाब नहीं। उन्होंने मैसूर विश्वविद्यालय से संगीत में मास्टर्स किया है, और देश के कई बड़े मंचों पर अपनी कला का प्रदर्शन किया है। शिवस्री का परिवार भी कला और संस्कृति से जुड़ा हुआ है। उनके पिताजी, एस. केशव प्रसाद, एक रिटायर्ड बैंक अधिकारी हैं, और माँ, सरोजा प्रसाद, शास्त्रीय संगीत की टीचर हैं। तेजस्वी के राजनीतिक जीवन में शिवस्री का साथ एक खूबसूरत रंग भरता है।”
शादी: परंपरा और आधुनिकता का संगम
“तेजस्वी और शिवस्री की शादी बेंगलुरु के एक शानदार होटल में हुई, जहाँ वैदिक रीति-रिवाजों का पालन किया गया। शादी में कर्नाटक और तमिलनाडु की संस्कृति का मेल देखने को मिला, क्योंकि दोनों परिवार इन्हीं राज्यों से हैं। शादी में पंचगव्य शुद्धि, मंगलसूत्र और सप्तपदी जैसे खास रस्में हुईं। इस मौके पर बीजेपी के बड़े नेता बी.एस. येदियुरप्पा, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और कर्नाटक के मुख्यमंत्री भी मौजूद थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने भी सोशल मीडिया के जरिए नवविवाहित जोड़े को बधाई दी। सोशल मीडिया पर #TejasviSuryaWedding ट्रेंड हुआ, और लोगों ने तेजस्वी की ‘यंग लीडर’ वाली छवि और शिवस्री की कला की खूब तारीफ की। कुछ लोगों ने शादी की भव्यता पर सवाल उठाए, लेकिन बीजेपी समर्थकों ने इसे उनकी निजी खुशी का मामला बताया।”

आगे का सफर: सपने और जिम्मेदारियाँ
“शादी के बाद, तेजस्वी के सामने अब अपने राजनीतिक और निजी जीवन में संतुलन बनाने की चुनौती है। वो युवाओं के लिए रोजगार, स्टार्टअप्स को बढ़ावा देने और बेंगलुरु के विकास के लिए काम करना चाहते हैं। शिवस्री के साथ मिलकर वो कर्नाटक की कला और संस्कृति को देश भर में पहचान दिलाना चाहते हैं।”
एक नई शुरुआत
“तेजस्वी सूर्या की शादी उनके जीवन का एक अहम पड़ाव है। ये दिखाता है कि वो एक इंसान के तौर पर कितने सहज और सरल हैं, और ये भी कि राजनीति और संस्कृति मिलकर समाज को कैसे आगे बढ़ा सकते हैं। आने वाले समय में, तेजस्वी और शिवस्री की जोड़ी भारतीय राजनीति और संस्कृति में अपनी खास जगह बनाएगी।”